कुण्डली में लग्नस्थ चन्द्रमा का जातक के जीवन में शुभाशुभ फल ।। kundali Me Lagnasth Chandrama Ka Shubhashubh Fal.



कुण्डली में लग्नस्थ चन्द्रमा का जातक के जीवन में शुभाशुभ फल ।। kundali Me Lagnasth Chandrama Ka Shubhashubh Fal.



हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, कोई भी ग्रह जन्म कुंडली के अंदर अपने प्लेसमेंट के अनुसार जातक को शुभ या अशुभ फल देता है । आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह कहां बैठा है ? और उससे भी बड़ी बात कि वो ग्रह किस घर का मालिक है । इन सभी बातों का विचार करने के उपरांत ही किसी भी प्रकार का निर्णय किया जा सकता है ।। कोई भी ग्रह जब कुंडली में शुभ होता है तो शुभ फल देता है । वहीँ ठीक इसके विपरीत जब कोई ग्रह अशुभ होता है, तो जातक को अशुभ फल ही देता है । इसलिये आज हम जन्म कुंडली में चंद्रमा के प्लेसमेंट के ऊपर बात करेंगे । चंद्रमा आपकी कुंडली में अगर लग्न में बैठा हो तो क्या शुभ या अशुभ फल देता है ।।

मित्रों, सामान्य तौर पर कुण्डली का पहला घर मंगल और सूर्य के प्रभाव के अंतर्गत आता है । जब चंद्रमा यहां बैठा हो तो यह भाव मंगल, सूर्य और चंद्रमा के संयुक्त प्रभाव में हो जाता है । ये तीनों आपस में मित्र हैं और तीनों यहां की स्थिति के अनुसार ही परिणाम देंगे ।।

ऐसे में सूर्य और मंगल इस घर में अपने साथ बैठे चंद्रमा को पूर्ण सहयोग देंगे । ऐसा जातक रहमदिल होगा और उसके भीतर उसकी मां के सभी लक्षण और गुण मौजूद होंगे । वह या तो भाइयों में बडा होगा या फिर उसके साथ ऐसा बर्ताव किया जाता होगा ।। मित्रों, ऐसे जातक पर उसकी मां का आशिर्वाद सदैव बना रहता है । साथ ही वह भी अपनी मां को प्रसन्न रखता है । इतना ही नहीं ऐसा करने से वह उन्नति भी करता है और उसे हर प्रकार की समृद्धि भी मिलती है ।।

बुध से सम्बंधित चीजें और हरा रंग आदि जो चंद्रमा के लिए हानिकारक होता है, जातक के लिए भी प्रतिकूल प्रभाव साबित होगें । इसलिए बेहतर होगा कि ऐसी चीजों से सदैव दूर ही रहें । दूध से खोआ बनाना या लाभ के लिए दूध बेचना आदि कृत्य पहले भाव में स्थित चंद्रमा को कमजोर करते हैं ।।

मित्रों, इसका मतलब यदि जातक स्वयं भी इस प्रकार के कामों सें संलग्न होता है तो जातक का जीवन और सम्पत्ति नष्ट होने लगती है । ऐसे में जातक को दूध और पानी मुफ्त में बांटना चाहिए इससे आयु बढती है और चारो ओर से समृद्धि आने लगती है ।। ऐसा करने से जातक को 90 साल की दीर्घायु प्राप्त होती है और उसे राजा के तरफ से सम्मान और प्रसिद्धि भी मिलती है । परन्तु अगर चन्द्रमा से शुभ फल न मिल रहा हो तो कुछ सरल सा उपाय करके आप अपने जीवन में लग्नस्थ चन्द्रमा से शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं ।।

मित्रों, जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा लग्नस्थ हो और शुभ फल न दे रहा हो उन्हें 24 से 27 वर्ष की आयु के मध्य शादी नहीं करनी चाहिए । हाँ 24 साल के पहले तथा 27 साल के बाद शादी करने से गृहस्थ जीवन में शुभ फल प्राप्त होती है ।। साथ आयु के 24 से 27 वर्ष के मध्य अपनी कमाई से अपने लिए घर का निर्माण भी नहीं करवाना चाहिए । हरे रंग और पत्नी की बहन अर्थात शाली से दूर रहना चाहिए । घर में टोटी के साथ एक चांदी के बर्तन या केतली न रखें । यथा सम्भव बरगद की जड़ में पानी डालें ।।

मित्रों, चारपाई के चारों पायों में तांबें की कीलें ठोक लें । अपने बच्चों के कल्याण के लिए जब भी कोई नदी पार करें, हमेशा उसमें एक सिक्का डालें । सदैव अपने घर में चांदी की एक थाली रखें । पानी या दूध पीने के लिए हमेशा चांदी के बर्तन का प्रयोग करें, कांच आदि के बने बर्तन के उपयोग से बचें ।। वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।


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